Tuesday, April 2, 2019

पहले चरण के उम्मीदवार: उप्र-बिहार में वंशवाद हावी, आंध्र-तेलंगाना में उद्योगपतियों पर भरोसा

नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 11 अप्रैल को 20 राज्यों की 91 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। दैनिक भास्कर प्लस ऐप ने इन 91 सीटों के प्रमुख 182 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया तो पाया कि दक्षिण भारत के राज्यों में जहां तेदेपा, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस जैसी प्रमुख पार्टियों ने सबसे ज्यादा उद्योगपतियों पर भरोसा जताया, वहीं उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड जैसे राज्यों में परिवारवाद को तरजीह मिली। 11 अप्रैल को जिन सीटों पर वोटिंग होगी, वहां प्रमुख राजनीतिक दलों ने सबसे ज्यादा 44 टिकट उद्योगपतियों को दिए हैं। 38 टिकट परिवारवाद के तहत बांटे गए।

उप्र में पहले चरण में 8 सीटों पर वोटिंग, 7 उम्मीदवार नेताओं के रिश्तेदार
राज्य की 8 में से 4 लोकसभा सीटों पर सपा-बसपा-रालोद गठबंधन ने परिवारवाद को प्राथमिकता दी, जबकि भाजपा ने तीन सीटों पर पूर्व विधायकों के बेटों को टिकट दिया। जैसे मुजफ्फरनगर से रालोद प्रमुख अजीत सिंह मैदान में हैं, उनके बेटे जयंत चौधरी बागपत से चुनाव लड़ रहे हैं। अजीत सिंह के पिता चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री रहे हैं। इसी तरह सहारनपुर से कांग्रेस के इमरान मसूद चुनाव लड़ रहे हैं। चाचा राशिद मसूद अलग-अलग पार्टियों से सांसद रहे हैं और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। कैराना से सपा ने तबस्सुम हसन को टिकट दिया है। उनके ससुर अख्तर हसन और पति मुनव्वर हसन कैराना से ही सांसद रह चुके हैं।

बिहार : चारों सीटों पर परिवारवाद, पासवान के बेटे को दूसरी बार टिकट
राज्य की चार सीटों पर पहले चरण में वोटिंग हाेगी। यहां जमुई से लोजपा के चिराग पासवान दूसरी बार मैदान में हैं। इनके पिता रामविलास पासवान लोजपा प्रमुख हैं। गया से जदयू ने विजय कुमार मांझी को टिकट दिया है। वे कारोबारी हैं। उनकी मां भगवती देवी सांसद थीं। नवादा में लोजपा प्रत्याशी चंदन कुमार बिहार के बाहुबली नेता सूरजभान सिंह के भाई हैं। नवादा से राजद ने विभा देवी काे टिकट दिया है। उनके पति राजवल्लभ यादव विधायक रहे हैं। भाजपा ने औरंगाबाद से सुशील कुमार सिंह को मैदान में उतारा है। उनके पिता रामनरेश सिंह दो बार सांसद रहे हैं।

उत्तराखंड
जिन 5 सीटों पर पहले चरण में वोटिंग होगी, उनमें से टिहरी गढ़वाल सीट पर कांग्रेस ने 8 बार के विधायक रहे गुलाब सिंह के बेटे प्रीतम सिंह और गढ़वाल सीट पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी को उतारा है।

आंध्र: तेदेपा ने 11 और वाईएसआरसी ने 10 उद्योगपतियों-कारोबारियों को टिकट दिया
आंध्रप्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर पहले चरण में वोटिंग होगी। यहां तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसी के बीच मुकाबला है। 11 सीटों पर तेदेपा ने उद्योगपतियों-कारोबारियों को टिकट दिया है, जबकि वाईएसआरसी ने ऐसे 10 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है।

मोदी सरकार में नागर विमानन मंत्री रहे अशोक गजपति राजू विजयनगरम से तेदेपा उम्मीदवार हैं। वे पूर्व राजपरिवार से आते हैं और आंध्र के बड़े उद्योगपतियों में शामिल हैं। विशाखापट्टनम से एमवी श्रीभरत तेदेपा के टिकट पर मैदान में हैं। श्रीभरत उद्योगपति हैं। उनके दादा एमवीवीएस मूर्ति तेदेपा नेता और गीतम यूनिवर्सिटी के संस्थापक रहे हैं।

दोनों ही पार्टियों ने 5-5 सीटों पर पूर्व नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट दिया है। बड़े चेहरों में तेदेपा ने अमलापुरम सीट से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष जीएमसी बालायोगी के बेटे गंती हरीश मधुर को टिकट दिया है। उनके सामने वाईएसआरसी ने पूर्व सांसद चिंता कृष्णमूर्ति की बेटी चिंता अनुराधा मैदान में हैं। जबकि, कड़प्पा सीट से वाईएसआरसी ने वाईएस जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई वाईएस अविनाश रेड्डी को टिकट दिया है। उनके सामने तेदेपा से आदिनारायण रेड्डी हैं। विजयवाड़ा से वाईएसआरसी उम्मीदवार वीरा प्रसाद कई शॉपिंग मॉल्स के मालिक हैं।

तेलंगाना: निजामाबाद से सीएम की बेटी मैदान में, कांग्रेस ने 5 सीटों पर उद्योगपतियों-कारोबारियों को टिकट दिया

राज्य की सभी 17 सीटों पर पहले चरण में वोटिंग होगी। राज्य की सत्ताधारी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने 5-5 सीटों पर  उद्योगपतियों-कारोबारियों को टिकट दिए हैं। टीआरएस ने 4 सीटों पर नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट दिए हैं, जबकि कांग्रेस ने सभी सीटों पर अपने नेता या दूसरी पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए नेताओं को ही टिकट दिए हैं।

तेलंगाना की निजामाबाद से मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी के. कविता मैदान में हैं। वे यहां से 2014 में भी जीत चुकी हैं। उनके सामने कांग्रेस ने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे बिजनेसमैन अनिल कुमार को टिकट दिया है। निजामाबाद के अलावा आदिलाबाद, मलकाजगिरी और सिकंदराबाद से भी टीआरएस ने किसी न किसी नेता के रिश्तेदार को उतारा है।

एआईएमआईएम प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी चौथी बार हैदराबाद सीट से मैदान में हैं। वे ओवैसी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के चेयरमैन भी हैं। ओवैसी के दादा ही इस पार्टी के संस्थापक थे। असदउद्दीन के पिता विधायक रह चुके हैं।

अन्य सीटों का हाल
अंडमान-निकोबार सीट पर कांग्रेस ने उद्योगपति कुलदीप राय शर्मा को टिकट दिया है। कुलदीप कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं। उनके सामने भाजपा ने भी अपने प्रदेशाध्यक्ष और लीगल प्रेक्टिशनर विशाल जॉली को उतारा है।

वहीं, पहले चरण में ओडिशा की जिन 4 सीटों पर वोटिंग होनी है, उनमें से तीन सीटों पर बीजू जनता दल (बीजेडी) ने परिवारवाद को प्राथमिकता दी है। यहां की कालाहांडी सीट से बीजेडी ने पूर्व विधायक चंद्रभानू सिंह देव के बेटे पुष्पेंद्र सिंह देव, नबरंगपुर सीट से पूर्व विधायक जाधव माझी के बेटे रमेश चंद्र माझी और कोरापुट से मौजूदा सांसद झीना हिकाका की पत्नी कौशल्या हिकाका को टिकट दिया है। वहीं, बेहरामपुर सीट से भाजपा ने भी पूर्व विधायक हरीश चंद्र बक्सीपात्रा के बेटे भरुगु बक्सीपात्रा को टिकट दिया है।

मेघालय की तुरा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री की बहन आमने-सामने हैं। यहां से एनपीपी उम्मीदवार अगाथा संगमा, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की बहन और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा की बेटी हैं। उनके सामने अप्रैल 2010 से मार्च 2018 तक मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. मुकुल संगमा हैं।

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